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एकलव्य आदर्श कन्या आवासीय विद्यालय में नाबालिक बालिका ने दिया सात महीने के नवजात को जन्म मृत अवस्था में नवजात को हॉस्टल के कैंपस से बाहर फेंका मचा हड़कंप

एकलव्य आदर्श कन्या आवासीय विद्यालय में नाबालिक बालिका ने दिया सात महीने के नवजात को जन्म मृत अवस्था में नवजात को हॉस्टल के कैंपस से बाहर फेंका मचा हड़कंप

एकलव्य आदर्श कन्या आवासीय विद्यालय में नाबालिक बालिका ने दिया सात महीने के नवजात को जन्म

 

मृत अवस्था में नवजात को हॉस्टल के कैंपस से बाहर फेंका मचा हड़कंप

 

* आनन फानन की कार्रवाई में अधीक्षिका निलंबित पर अभी कई सवाल बाकि

 

कोरिया जिले के सोनहत विकासखंड में स्थित एकलव्य आदर्श कन्या आवासीय विद्यालय से एक हैरान करने वाला मामला सामने आ रहा है जो दो तीन दिनों से सोशल मीडिया और अखबारों की सुर्खियां बटोर रहा है बाहर हाल इसमें थोड़ी कार्रवाई करते हुए कलेक्टर महोदय के द्वारा संबंधित अधिक्षिका को निलंबित कर दिया गया है पर आगे की कार्यवाही के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। क्या है मामला सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक सोनहत स्थित एकलव्य आदर्श कन्या आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली 10वीं कक्षा की छात्रा जो लगभग 7 महीने की गर्भवती थी और जिसका गर्भपात मंगलवार देर शाम हॉस्टल में ही हो गया था आनन फानन में नवजात के शव को हॉस्टल के कैंपस के बाहर दीवाल के किनारे फेंक दिया गया था लेकिन मामला गर्म होने के बाद नवजात का शव और बालिका को उसे गृह ग्राम भेज दिया गया जो की चर्चा थाना अंतर्गत पड़ता है और इसके बाद नवजात का शव बालिका के घर के पीछे बाड़ी में गड़ा होने की सूचना पर संबंधित अधिकारियों की मौजूदगी में शव गड्ढे से बाहर निकाल कर पहले बैकुंठपुर जिला चिकित्सालय लाया गया जहां डॉक्टरों ने फोरेंसिक एक्सपर्ट नहीं होने की बात कही जिस पर पुलिस के द्वारा नवजात के शव को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया जहां शव का विस्तृत परीक्षण किया गया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट होने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी बहरहाल इस मामले में चर्चा थाना पुलिस ने जीरो में अपराध दर्ज कर लिया है।

वही सोनहत पुलिस अपने स्तर से अपराध दर्ज कर जाँच कर रही है। त्वरित कार्यवाही में अधिक्षिका निलंबित, पर कई सवाल अब भी खड़े मिल रही जानकारी के मुताबिक कलेक्टर कोरिया ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिक्षिका आशीष कुजूर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है पर कई सवाल अब भी मुंह बाए खड़े हैं मसलन छात्रावास में एक अलग से नर्स की नियुक्ति की गई है और समय-समय पर सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है और जिले के सहायक आयुक्त आदिवासी विकास के द्वारा भी समय-समय पर छात्रावासों का निरीक्षण किया जाता है तो इतना बड़ा मामला कैसे प्रशासन के संज्ञान में नहीं आया यह बड़ा सवाल है क्योंकि बालिका 7 महीने की गर्भवती हो चुकी थी और हॉस्टल में ही रहकर पढ़ाई कर रही थी ऐसी स्थिति में प्रबंधन को जानकारी ना होना बड़ा सवाल खड़ा करता है?

 

महीने भर पहले भी छात्रावास की एक बालिका लगभग चार

 

घंटे स्कूल से रही थी गायब- मिली जानकारी के अनुसार लगभग महीने भर पूर्व भी छात्रावास की एक बालिका स्कूल से लगभग 4 घंटे के लिए एक अज्ञात लडके के साथ गायब हो गई थी जब इस बात का पता स्कूल प्रबंधन वह छात्रावास प्रबंधन को चला तो मामले में हड़कंप मच गया 4 घंटे बाद जब छात्रा वापस आई तो स्कूल के प्राचार्य ने सर ठीकरा उस वक्त स्कूल में पढ़ा रही शिक्षिका पर फोड़ दिया और आनन फानन में मामले को रफा-दफा कर दिया गया हैरानी की बात यह है कि इस मामले की भी पूरी जानकारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती उषा लकड़ा को थी लेकिन उन्होंने कोई भी कार्रवाई नहीं कि यदि उनके द्वारा व्यवस्था दुरुस्त की गई होती तो शायद ऐसा मामला नहीं होता। बाहरहाल पूरे मामले को देखा जाए तो इसमें सिर्फ अधीक्षिका को निलंबित कर मामले को खत्म करने का प्रयास जारी है जबकि गहनता से जांच की जाए तो इस मामले में प्रबंधन के कई और भी जिम्मेदार फंस सकते हैं और संभवत बड़े जिम्मेदारों पर भी गाज गिर सकती है लेकिन ऐसा होता अब तक तो दिख नहीं रहा क्योंकि हॉस्टल के सीसीटीवी फुटेज की हार्ड डिस्क से भी कोई जानकारी नहीं मिल रही है।

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